रांची, अगस्त 25 -- रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की लेखा परीक्षा रिपोर्ट ने झारखंड के संरक्षित क्षेत्रों की दयनीय स्थिति का खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 11 वन्यजीव अभयारण्यों और एक राष्ट्रीय उद्यान का प्रबंधन, वित्तीय कुप्रबंधन, कर्मचारियों की भारी कमी और नियोजन की कमी के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। ये खामियां न केवल वन्यजीवों के लिए खतरा पैदा कर रही हैं, बल्कि इन क्षेत्रों पर निर्भर स्थानीय समुदायों की आजीविका को भी जोखिम में डाल रही हैं। रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला खुलासा पलामू बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में बाघों की संख्या में भारी गिरावट है। 2000-2005 के दौरान 34-46 बाघों की संख्या घटकर 2022 में केवल एक रह गई थी। इसके बावजूद, बाघों की निगरानी के लिए एमएसटीपीईएस प्रणाली का इष्टतम उपय...
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