रांची, सितम्बर 30 -- झारखंड मुक्ति मोर्चा(JMM) के गठन में दिशोम गुरु के नाम से विख्यात शिबू सोरेन के योगदान को हर कोई जानता है। लेकिन, क्या आप उन दो महारथियों के योगदान को भी जानते हैं, जिन्होंने गुरुजी के साथ कंधे से कंधा मिलकर झारखंड राज्य के निर्माण और वहां के आदिवासियों-मजदूरों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। ये दो महारथी थे- विनोद बिहारी महतो और ए.के.राय। 'झारखंड गाथा' की तीसरी कड़ी में पढ़िए JMM के गठन की कहानी।जानिए तीनों महारथियों की कहानी झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन अचानक नहीं हो गया। इसके गठन की लंबी कहानी है। JMM के गठन से पहले विनोद बिहारी महतो, ए.के.राय और शिबू सोरेन धनबाद के आसपास के क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से काम कर रहे थे। सबसे पहले एक-एक कर जानिए तीनों महारथियों की कहानी। धनवाद के रहने वाले विनोद बिहारी महतो पेशे से वकील और ...