फरीदाबाद, फरवरी 17 -- फरीदाबाद। झारखंड के आदिवासी जन जीवन को दर्शाने वाली सोहराई कला पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मेला परिसर में गेट नंबर दो पर स्थित झारखंड के पवेलियन में सोहराई कला के अद्भुत नमूनों को देखा जा सकता है। ये शहर का स्टेटस सिंबल मानी जाती है। सोहराई कला में आदिवासी जीवन और जंगल का तालमेल नजर आता है। पहले आदिवासी समाज में सोहराई पेंटिंग दीवाली पर घरों को सजाने के लिए बनाई जाती थी। मगर अब लाइफस्टाइल का पार्ट बन गई है। झारखंड के पवेलियन में सोहराई पेंटिंग को देखने के लिए पर्यटकों का ताता लगा रहता है। यह पवेलियन झारखंड सरकार की ओर से वहां के पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित की गई है। इसके अलावा तरस साड़ियां भी शानदार है। तसर साड़ी झारखंड की शान मानी जाती है। यह साड़ी ठंड में भी गर्म रहती है। इसे झा...