हजारीबाग, सितम्बर 16 -- हजारीबाग जेल में एक कैदी के एचआईवी संक्रमित होने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह केवल एक कैदी के स्वास्थ्य से जुड़ा मसला नहीं है, बल्कि यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और जेल व्यवस्था की बड़ी खामियों को उजागर करता है। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख, धनबाद के जेल अधीक्षक, धनबाद जेल के मेडिकल अफसर, केंद्रीय कारा हजारीबाग के मेडिकल अफसर और जेल अधीक्षक को 25 सितंबर को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि यदि लापरवाही साबित हुई तो सभी के खिलाफ सख्त आदेश जारी किया जाएगा। कोर्ट में दायर याचिका के अनुसार कैदी 2 जून 2023 से जेल में है। पहले वह धनबाद जिला जेल में रखा गया था और बाद में 10 अगस्त 2024 क...