रांची, सितम्बर 23 -- झारखंड के बुढ़मू प्रखंड में दुर्गा पूजा के मुख्य आकर्षण का केंद्र ठाकुरगांव का ऐतिहासिक भवानी शंकर मंदिर है, यहां तांत्रिक विधि से मां की पूजा की जाती है। भवानी शंकर में पूजा का इतिहास 500 साल से अधिक पुराना है। 1543 ई. के लगभग चेतनाथ बाबा ने रातू महाराज को अष्टधातु की दो मूर्तियां चिंतामणि और भवानी शंकर की युगल मूर्ति दी थी। चिंतामणि की मूर्ति रातू गढ़ में स्थापित है, जिसकी आज भी वहां पूजा होती है इसके बाद महाराज के छोटे भाई गिंजो लाट ने यहां भवानी शंकर की मूर्ति स्थापित की। 1543 ई में कुंवर गोकुलनाथ शाहदेव ने यहां पूजा की शुरुआत की। यहां अष्टमी को संधि बलि और नवमी को सैकड़ों बकरों के साथ भैंसा की बलि देने की प्रथा है। भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर बकरों और भैंसा की बलि देते हैं। यहां अब भी निभाई जाती है राजपरिवार की ...