रामगढ़, सितम्बर 7 -- बरकाकाना, निज प्रतिनिधि। एक वक्त था जब झारखंड अलग राज्य की लड़ाई अपने चरम पर थी। न जाने कितने अनगिनत छात्र नौजवान इस आंदोलन में कूद पड़े थे। जिन्होंने बस्ते को छोड़कर तीर धनुष झंडे को अपने हाथ में थाम लिया था। उन्हें झारखंड अलग राज्य बनाने की नशा लग चुकी थी। कॉलेज छोड़कर छात्र नौजवान आंदोलन में कूद पड़े थे। जिससे झारखंड मुक्ति मोर्चा का हर आंदोलन सफल होने लगा था। झारखंड आंदोलनकारी दीपक सिंह टाइगर ने बयान जारी कर कहा कि छात्र नौजवानों के बलिदान एवं ग्रामीणों की शहादत से स्व शिबू सोरेन के कुशल नेतृत्व के कारण झारखंड अलग राज्य हुआ। बीजेपी की सरकार बनी पूर्व के मुख्यमंत्री ने झारखंड/वनांचल अलग राज्य आंदोलनकारी आयोग का गठन किया और आंदोलनकारी को वर्गों में बांट दिया। अगर जेल जाने वाले ही आंदोलनकारी थे, तो सड़क पर रहकर लड़के...
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