जमुई, नवम्बर 7 -- झाझा, समाजवादी सोच व समरसतावादी विचारधारा का पोषक रहे झाझा विधान सभा के हस्तिनापुर ने अपने विधान सभायी वजूद के बीते करीब 75 साल के सियासी सफर में 'सामाजिक न्याय' की नीति के तहत चुनावी समर में कूदने वाली लगभग हर पार्टी व दल को मौका दिया है। यहां से कांग्रेस के अलावा सोशलिस्ट व संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी,जनता व समता पार्टी,जनता दल,जदयू एवं भाजपा सभी के झंडाबरदार जीत कर बिहार विधान सभा की दहलीज तक पहुंचे हैं। अपवाद के बतौर वामपंथी दल तथा बसपा के अलावा मुख्यधारा वाले दल में शायद सिर्फ राजद इस विस सीट पर जीत के स्वाद से वंचित है। साल 1957 में तो इस सीट ने कुछ माह के लिए एसटी समुदाय के भागवत मुर्मू को भी अपनी नुमाइंदगी का मौका दिया था। पूर्व सीएम ने भी की है तीन बार झाझा की नुमाइंदगी,पूर्व मंत्री शिवनंदन झा ने चार बार,तो दामोदर न...
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