लखनऊ, अप्रैल 19 -- लखनऊ। अध्यात्म जीवन का आधार है और ज्योतिष उसकी आंखें। ज्योतिष को वेद शास्त्र कहा गया है। लोकर्थ पुस्तक एक अविस्मरणीय विद्याओं का संकलन है। यह बातें शनिवार को गोमतीनगर के एक होटल में लोकर्थ पुस्तक के विमोचन पर सर्वोच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहीं। उन्होंने लोकर्थ ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने कहा कि लोकर्थ पुस्तक में गागर में सागर भरा है। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ओम प्रकाश श्रीवास्तव की ओर से लिखी पुस्तक लोकर्थ के विमोचन पर न्यायमूर्ति रहे प्रदीपकान्त ने पुस्तक की सराहना की। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि मैंने लोकर्थ ट्रस्ट बनाकर आम जनता तक ज्योतिष को पहुंचाने का कार्य किया है।

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