आरा, दिसम्बर 19 -- आरा, निज प्रतिनिधि। शहर की बड़ी मठिया स्थित हनुमान मंदिर परिसर में चल रही भागवत कथा में श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। प्रवचन करते हुए श्री मुक्तिनाथ स्वामी जी महाराज ने कहा कि योग केवल इतना ही नहीं कि सांस को लेना फिर छोड़ना। यह केवल स्वास्थ्य लाभ के लिए अच्छा है, लेकिन इतने से हम योग के अधिकारी हो जाएंगे, यह बात नहीं है। योग का अर्थ है कि हमारा मन, चित्, बुद्धि कहीं भटक गया है, कहीं अटक गया है, उसको चारो तरफ से केन्द्रित कर, पकड़ कर, समझा कर और एक जगह लाकर बांध लेना इसी का नाम है योग। स्वामी जी महाराज ने कहा कि चित की चंचलता को रोका नहीं जा सकता है। इसे मोड़ा और दूसरे जगह ट्रांसफर किया जा सकता है। मन अगर कुछ गुनगुनाने का करे तो मुरली वाले के नाम को गाइए। घूमने की इच्छा हो तो क्लब में मत जाइए। बल्कि विन्ध्याचल, ...