मेरठ, नवम्बर 27 -- ज्ञान व्यक्ति को बाहर नहीं, बल्कि अंदर से बदलता है। इससे सोच, व्यवहार और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। यह बात माउंट आबू से आईं राजयोगिनी उर्मिला दीदी ने कही। वे दिल्ली रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के प्रभु मिलन भवन में चल रहे पांच दिवसीय सत्यनारायण कथा का आध्यात्मिक रहस्य एवं खुशी या तनाव स्वयं चुनें विषय पर आयोजित शिविर के चौथे दिन बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि हमारी सोच ही हमारे अच्छे और बुरे कर्म तय करती है। ज्ञान से हमें परमपिता परमात्मा की सही पहचान मिलती है और आत्मिक स्थिति में रहकर कर्म करने की क्षमता आती है। इससे व्यक्ति गलतियों और बुरे कर्मों से बचता है। गंगा स्नान पर उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पानी शरीर को साफ कर सकता है, लेकिन आत्मा की गंदगी केवल ज्ञान से ही दूर होती है। अगर ...
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