वाराणसी, अगस्त 26 -- वाराणसी, संवाददाता। सिविल जज (सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की कोर्ट में सोमवार को ज्ञानवापी के 1991 के मूल वाद में सुनवाई हुई। तीन बहनों की ओर से वादमित्र को हटाने सम्बंधित खारिज हो चुकी अर्जी के आदेश में संशोधन के लिए दाखिल प्रार्थना पत्र के विरोध में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से रईस अहमद अंसारी ने बहस पूरी की। अब आवेदनकर्ता की ओर से जवाबदेही दाखिल की जाएगी। अदालत ने अगली सुनवाई 29 अगस्त की तिथि नियत की है। वादमित्र ने बहस में कहा कि इस मामले में अवर न्यायालय से आदेश आ चुका है। बेटियों की ओर से बार-बार कहा जा रहा कि वादमित्र ने स्व. हरिहर पांडेय को धोखे में रखकर खुद को नियुक्त करवाया है। जबकि कोर्ट ने सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 2019 में वाद मित्र नियुक्त किया। उसके बा...
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