वाराणसी, अप्रैल 22 -- वाराणसी, हिटी। सिविल जज (सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की कोर्ट में सोमवार को ज्ञानवापी के वर्ष 1991 के मूलवाद से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को हटाने की अनुष्का तिवारी की अर्जी के विरोध में वादमित्र ने सोमवार को स्वयं आपत्ति दाखिल की है। उन्होंने प्रार्थना पत्र की वैधता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भावनापूर्ण, कानून-विरुद्ध, और आधारहीन है। वादमित्र ने अपनी आपत्ति में कहा है कि अर्जीकर्ता न तो पक्षकार हैं और न ही उसे आदेश 1 नियम 8 सीपीसी के अंतर्गत कोई अनुमति प्राप्त है। 1991 का मूल वाद एक प्रतिनिधि वाद है, जो आदेश 1 नियम 8 सीपीसी के अंतर्गत संचालित है। कहा कि जिस आदेश 32 नियम 9 सीपीसी के तहत अर्जीकर्ता हटाने की मांग कर रही हैं, वे केवल नाबालिगों और मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों पर लागू होता है...