वाराणसी, मई 26 -- वाराणसी, संवाददाता। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की अदालत में ज्ञानवापी के 1991 के मूल वाद में पक्षकार बनाए जाने के प्रार्थना पत्र पर सोमवार को सुनवाई हुई। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से बहस पूरी कर ली गई। अगली सुनवाई 29 मई को होगी। जिसमें अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से बहस होगी। विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी बहस में कहा है कि मेरे वादमित्र बनाए जाने पर भी सवाल खड़ा किया गया है। जबकि यह आदेश पांच साल पहले का है। तब वादी रहे हरिहर पांडेय के प्रार्थना पत्र और शपथ पत्र के आधार पर ही कोर्ट ने सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मुझे वादमित्र नियुक्त किया है। गौरतलब है कि पक्षकार बनने के लिए वादी रहे स्व. हरिहर पांडेय की तीन बेटियों ने अर्जी दी है। जिसमें उन्होंने वादमित्र के कार्यों और नियुक्त पर सव...