वाराणसी, सितम्बर 17 -- वाराणसी। सिविल जज (सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की कोर्ट में मंगलवार को ज्ञानवापी के वर्ष 1991 के मूल वाद में तीन बहनों की पक्षकार बनाने की अर्जी पर सुनवाई हुई। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट में आपत्ति दाखिल की। अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी। वादमित्र ने आपत्ति में कहा है कि बहनों की ओर से वादमित्र को हटाने संबंधित अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है। उसके बाद संशोधित प्रार्थना पत्र भी खारिज हो चुका है। एक ही विषय पर बार-बार अर्जी देना न्यायहित में नहीं है। जो अर्जी दाखिल की गई है, वह खारिज की जाए। बता दें कि अर्जीकर्ता मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्र एवं रेनू पांडेय ने आवेदन देकर कहा है कि वादमित्र के हटाने संबंधित अर्जी को खारिज कर दिया गया है। मगर पक्षकार बनने संबंधित अर्जी स्वीकार की जानी चाहिए। बहनों ...