वाराणसी, जुलाई 7 -- वाराणसी, हिटी। जिला जज जय प्रकाश तिवारी की अदालत ने सोमवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहे वर्ष 1991 के मूल वाद में दाखिल तीन बहनों की पक्षकार बनाने की अर्जी को अन्य न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग खारिज दी है। अदालत ने आदेश में कहा कि अधीनस्थ न्यायालय में आदेश-1 नियम 10 के तहत दायर अर्जी पर सुनवाई चल रही है। वर्तमान में स्वयं की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र आधारहीन है। इसे सीआरपीसी की धारा-24 के तहत दाखिल करना चाहिए था। इसलिए प्रार्थना पत्र स्वीकार योग्य नहीं है। तीन बहनों मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्रा और रेनू पांडेय की ओऱ से अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने मई में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि वर्ष 1991 के ज्ञानवापी के मूल वाद सिविल जज (सीडि) द्रुतगामी न्यायालय में विचाराधीन है। वाद मे...