बेगुसराय, अक्टूबर 15 -- सिमरिया धाम, एक संवाददाता। जननी और जन्मभूमि के ऋण से कोई उकृण नहीं हो पाता, जो जननी (जन्मदाता) और जन्मभूमि को नहीं समझ पाता उससे बड़ा पातकी (अधर्मी) इस संसार में कोई नहीं हो सकता। ये बातें राजकीय कल्पवास मेला सिमरिया धाम स्थित अखिल भारतीय सर्वमंगला सिद्धाश्रम में ज्ञानमंच से श्रीमद्भागवत कथा के प्रवचन के दौरान स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहीं। उन्होंने कहा कि जिसने अपनी मां और अपने पिता की सेवा नहीं कर पाया भला उसको तीर्थाटन, पूजा, दान और तप करने से क्या कभी फायदा हो सकता है। जिसने भी मां और पिता की सेवा की उससे बड़ा भाग्यशाली इस संसार में कोई नहीं हो सकता है। स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने आगे कहा जननी और जन्मभूमि को स्वर्ग से भी ऊपर रखा गया है, कहा गया है कि संत वही हो सकता है जिसने अपनी मां-पिता और गुरु की सेवा क...
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