मुरादाबाद, जून 12 -- नगर के शिव मंदिर बच्चा बाग में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिवस कथा व्यास आचार्य शिव शंकर भारद्वाज में कहा कि अपने अंदर सदगुण एकत्र करो,न जाने प्रभु कौन से सद्गुण पर रीझ जाएं और जीव का कल्याण कर दें जिस प्रकार गिद्धराज जटायु ने जीवन पर्यंत मांस भक्षण किया, कोई सद्गुण नहीं किया परंतु जब अत्याचारी रावण माता सीता का हरण करके ले जा रहा था तब स्त्री का अपमान उससे देखा नहीं गया और उसने विरोध करते हुए अपनी जान गंवा दी। बस जटायु का यही सद्गुण प्रभु को पसंद आ गया और उसका कल्याण कर दिया। कथा व्यास जी बोले आज का मानव अपने सुख का अनुभव कम दूसरे के दुख में आनंद का अनुभव अधिक करता है जो नकारात्मक प्रवृत्ति है जबकि होना यह चाहिए कि दूसरे के दुख में हमें भी दुख का अनुभव हो और हम उसके साथ खड़े हों। यह मानवता है इस भाव से परमात्म...