लखनऊ, अप्रैल 24 -- लखनऊ, संवाददाता। श्री परशुराम जी जन्मोत्सव समारोह के तहत ठाकुरगंज स्थित श्री परशुराम जी मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन गुरुवार को कथा वाचक डॉ योगेश व्यास जी ने पुराण शब्द की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि जो अत्यंत प्राचीन होकर भी नवीन है वही पुराण है। इसका चिंतन जब भी करते हैं एक नवीन भाव प्रगट होता है। व्यास जी ने कहा कि अंत कितना ही भयानक हो लेकिन संतों की शरण उस अंत को संवार देती है। श्रापित परीक्षित ने संतो की शरण ली शुकदेव जी ने भागवत कथा सुना कर उसका उद्धार कर दिया। उन्होंने भगवान के वराह रूप के साथ महाभारत के अनेक प्रसंगों का वर्णन किया। इस मौके पर आचार्य द्रोण विचार संस्थान के संयोजक अनुराग पांडेय, पूर्व आईएएस कैप्टन एसके द्विवेदी, पूर्व आईएएस चंद्रिका प्रसाद तिवारी, डॉ आनंद त्रिपाठी,...
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