फतेहपुर, मार्च 4 -- फतेहपुर, संवाददाता। स्वतंत्रता आंदोलन में आजादी की निनाद को जगाने और रूठे मन और हारे के भीतर शब्दों के शहतीर से ऊर्जा भरने वाले सोहन से लाल पद्यमश्री का सम्मान व प्रथम राष्ट्रकवि की उपाधि की ख्याति से दोआबा का रूतबा बढ़ाया था। ऐसे महान कवि की 120वीं जयंती की तैयारियां तेज हो गई है। जिनके नाम पर संचालित होने वाली लाइब्रेरी को जिम्मेदारो ने व्यवस्थित करा दिया है। बिंदकी तहसील के सिजौली में मार्च माह 1905 को जन्मे पं सोहनलाल द्विवेदी ने उच्च शिक्षा बनारस में पूरी कर साहित्य और कवियो पर रूझान किया। महामना मदनमोहन मालवीय से मिलने के बाद स्वतंत्रता आंदोलन पर अपने शब्दो से युवाओ के भीतर ऊर्जा भर दी। एक कार्यक्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मुख भी साहित्य प्रस्तुत करने पर सम्मानित हुए थे। इसके बाद वर्ष 1935-36 में बिंद...