गंगापार, दिसम्बर 12 -- यदि मनुष्य में हौसला हो तो वह उड़ान भर सकता है। यह सच है कि महिलाएं पुरुषों से किसी मायने में कम नहीं है। छतवा, बिजौरा, दुबेपुर, पकरी सेवार गंगातट पर बसे विभिन्न गांवों की मल्लाह बस्ती की कुछ साहसी महिलाएं गंगा से मछली की निकासी करने में अपने परिवार का सहयोग कर रही हैं। महिलाएं खुद से नाव की पतवार चलाती हैं। पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य करने वाली महिलाएं दिन की बात तो दूर रात के समय भी नाव पर रहकर गंगा से मछली निकाल रही हैं। इन्हें किसी प्रकार जल जीवों से भय नहीं होता। महिलाएं इस कारोबार में काफी दिनों से जुटी हैं। दुबेपुर की सुनीता आठ घंटे तक नाव पर रहकर प्रतिदिन एक हजार की मछली गंगा से निकाल रहीं है। सुनीता ने बताया कि वह इस कारोबार में कई वर्षो से जुड़ी हुई है। सुनीता निषाद का हौसला देख उक्त गांवों की क...
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