तृप्ति मिश्रा, अक्टूबर 23 -- पदोन्नति को ही कामयाबी नहीं समझना चाहिए। लंबी पारी खेलने के लिए नौकरीशुदा या उसकी तलाश कर रहे युवाओं को 'स्किल करंसी' पर फोकस करना होगा, न कि सिर्फ पदोन्नति पर। बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर नेहा शर्मा ने पांच साल तक एक ही कंपनी में जी-जान से काम किया, लेकिन प्रमोशन नहीं मिला। उन्हें लगा कि उनका करिअर थम गया है। उन्होंने हार मानने के बजाय हर साल एक नया स्किल सीखने का लक्ष्य तय किया। ऑनलाइन मंच से क्लाउड कंप्यूटिंग और डाटा एनालिटिक्स जैसे कोर्स किए और साथ ही कंपनी के भीतर अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में अपनी इच्छा से हिस्सा लेना शुरू किया। समय के साथ, नेहा की पहचान एक 'एक्सपर्ट प्रॉब्लम सॉल्वर' के रूप में बनने लगी। प्रमोशन भले न मिला हो, लेकिन स्पेशल प्रोजेक्ट्स अलाउंस और इंटरनेशनल असाइनमेंट्...