प्रयागराज, फरवरी 14 -- ब्रह्माकुमारी संस्था के शिविर में शुक्रवार को कृषि व ग्राम विकास प्रभाग की ओर से सनातन कृषि संस्कृति स्वर्णिम भारत का इतिहास विषय पर संगोष्ठी हुई। मुख्य अतिथि उप्र कृषि निदेशालय के पूर्व सहायक निदेशक बद्री विशाल त्रिपाठी ने कहा कि आज समय की मांग यही है कि जैविक खेती व प्राकृतिक खेती को अपनाया जाए। यदि हमें अपनी जमीन व मिट्टी को बचाना है तो जैविक खेती पर आना ही होगा। खेतों में रसायनों के उपयोग से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है, बल्कि प्रकृति व इंसानों के ऊपर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। प्रभाग के उपाध्यक्ष ब्रह्माकुमार राजू ने कहा कि जैविक खेती पद्धति को सीखकर हजारों किसानों का जीवन खुशहाल बन गया है। ब्रह्मकुमारी सरोज ने कहा कि योग तो हमारी संस्कृति है। परमपिता हमें राजयोग सिखाते हैं। राजयोग से हमारा मन सक...