गोरखपुर, सितम्बर 6 -- गोरखपुर, निज संवाददाता। श्री श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर आर्य नगर दक्षिणी, गोरखपुर में शनिवार को जैन धर्मावलंबियों ने दसलक्षण धर्म के दसवें और अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पर भगवान की 108 रजत कलशों से अभिषेक कर विधिविधान से पूजा की। अध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने बताया कि ब्रह्मचर्य धर्म हमें स्वयं पर नियंत्रण करना सीखाता है, जिससे न सिर्फ इच्छाओं पर काबू रख सकते हैं, बल्कि इससे गुणवान कर्मों में भी वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि आठ सितंबर को क्षमा वाणी पर्व की पूजा होगी। दोपहर 3:00 बजे से श्री जी का 108 रजत कलशों से पंचामृत अभिषेक एवं पूजन जय माल संपन्न होगा। इस पर्व में जैन धर्मावलंबी क्षमा मांगते और क्षमा करते हैं। इस अवसर पर एक सहभोज का भी आयोजन किया गया है। इस अवसर पर ज्ञानेंद्र जैन, रोहित जैन, अजय जैन,...