कोडरमा, अगस्त 28 -- झुमरी तिलैया निज प्रतिनिधि। जैन धर्म का आत्मशुद्धि का सर्वोच्च महापर्व दशलक्षण पर्युषण का शुभारंभ गुरुवार को श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ हुआ। पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म के रूप में मनाया गया। स्टेशन रोड और पानी टंकी रोड स्थित दोनों जैन मंदिरों को फूलों और झालर लाइट से भव्य रूप से सजाया गया। प्रातःकाल भगवान का मंत्रित जल से अभिषेक और शांति धारा का आयोजन हुआ, जिसमें पुरुष और बच्चे केसरिया वस्त्रों में तथा महिलाएं व युवतियां लाल-पीले-केसरिया परिधानों में पूजा-विधान में शामिल हुईं। इस अवसर पर जयपुर से आयी निर्मला दीदी ने प्रवचन देते हुए कहा कि क्षमा वीरों का आभूषण है। क्षमा को जीवन में धारण करने से परिवार और समाज में शांति स्थापित होती है। पर्व के दौरान जैन समाज यह संकल्प लेता है कि किसी भी जीव को प्रत्यक्ष या अप्रत्...