बागपत, जुलाई 10 -- नगर के कौशल सभागार में धर्मसभा आयोजित की गई। मुनि 108 नयन सागर महाराज ने वर्षायोग स्थापना क्रिया संपन्न कराई। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन समाज के लोगों की उपस्थिति रही। जैन संत ने वर्षा योग की स्थापना क्रिया विधि विधान से कराई। जिसमें पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके वर्षा योग का प्रतिस्थापन कर प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान, द्वितीय तीर्थंकर अजितनाथ का स्वयभूस्त्रोत बोलकर आराधना की। इस क्रम में दक्षिण दिशा की तरफ तीसरे तीर्थंकर संभवनाथ, चौथे तीर्थंकर अभिनंदन नाथ का पश्चिम दिशा की तरफ वंदना की। पांचवें तीर्थंकर सुमति नाथ, छठे तीर्थंकर पदम प्रभु भगवान उत्तर दिशा की ओर वंदन करते समय सातवें तीर्थंकर सुपाश्र्व नाथ और आठवें तीर्थंकर चंद्रप्रभु भगवान का स्त्रोत बोल कर वंदना कर वर्षायोग की प्रतिस्थापना की। इस दौरान दिगंबर जैन समाज समि...