लखनऊ, अप्रैल 30 -- लखनऊ, संवाददाता। जैन धर्मावलंबियों ने बुधवार को अक्षय तृतीया का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस पावन अवसर पर जैन मंदिरों में पारणा महोत्सव मनाया गया, पूजा अर्जना, विधान, भगवान का अभिषेक व शांति धारा हुई। लोगों ने दान-पुण्य किया। जगह -जगह गन्ने के रस का वितरण किया गया। इसी दिन प्रथम तीर्थंकर 1008 भगवान आदिनाथ भगवान ने दीर्घकालीन तपस्या के बाद प्रथम आहार के रूप में गन्ने का रस (इक्षुरस) ग्रहण कर तपस्या पूर्ण की थी। इसीलिए जैन धर्म में अक्षय तृतीय का विशेष महत्व है। यह पर्व आत्मकल्याण और मोक्ष मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है। भगवान ऋषभदेव जी का हुआ जलाभिषेक व शांतिधारा चौक की चूड़ी वाली गली स्थित श्री नेमिनाथ भगवान दिगंबर जैन मंदिर में सुबह भक्तों ने चांदी की पांडुकशिला पर श्री 1008 भगवान ऋषभदेव जी की प्रतिमा का म...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.