शामली, सितम्बर 22 -- शामली। शहर के जैन धर्मशाला में सोमवार को नवलब्धि दिवस के प्रथम दिवस पर विशेष कक्ष का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री 108 विव्रत सागर मुनिराज ने 9 दिवसीय आध्यात्मिक अवधि के महत्व पर प्रकाश डाला। मुनिराज ने इस अवधि को आत्मा की नौ आध्यात्मिक उपलब्धियों से संबंधित बताते हुए कहा कि यह काल शुद्धि और विशुद्धि का पवित्र समय है। इन दिनों में विशेष त्याग और आराधना से असाधारण पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि इन दिनों रात्रि भोजन का त्याग करें, बाजार के भोजन से बचें तथा जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियों जैसे आलू, प्याज, लहसुन का सेवन न करें। उन्होंने प्रसाधन सामग्री के निर्माण में जानवरों पर किए जाने वाले प्रयोगों और उनके हानिकारक प्रभावों का उल्लेख करते हुए इसके उपयोग से बचने की सलाह दी। साथ ही कहा ...
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