रांची, मई 23 -- रांची, वरीय संवाददाता। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) बोर्ड के 10वीं बोर्ड के वे छात्र, जो 11वीं में शहर के निजी स्कूलों में दाखिला लेने चाहते हैं, उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति है। अधिकांश स्कूलों में उनके लिए सीटें नहीं हैं। जहां बची भी हैं, वहां गिनी-चुनी सीटों पर उन्हें नामांकन मिल सकता है। कारण जैक बोर्ड का परीक्षाफल आने में देरी होना है। शहर के लगभग सभी बड़े स्कूलों में 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कुछ स्कूल 5 से 7 प्रतिशत सीटें रखते हैं, जिनमें जैक बोर्ड के टॉप स्कोरर को मौका मिल सके। इसके लिए स्कूलों द्वारा तय कटऑफ होने के बाद भी पहले आओ और पहले पाओ की स्थिति रहती है। जेवीएम श्यामली के प्राचार्य समरजीत जाना कहते हैं कि हमारा एक तय फॉर्मेट है, जिसके आधार पर नामांकन प्रक्रिया होती है। जैक बोर्ड के...