प्रयागराज, मार्च 12 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगभग तीन वर्ष से जेल में बंद कर्मचारी को उस दौरान के वेतन के मामले में राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि जेल में बंद रहने पर काम नहीं करने के कारण कर्मचारी को उस अवधि का वेतन पाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में काम नहीं तो वेतन नहीं का सिद्धांत लागू होता है। याची ने उक्त अवधि के लिए मजदूरी के भुगतान के लिए विद्युत प्राधिकरण से संपर्क किया तो कोई काम नहीं तो कोई वेतन नहीं सिद्धांत के आधार पर उसका अनुरोध खारिज कर दिया गया। इसके बाद याची ने कारावास की अवधि के लिए मजदूरी के भुगतान की मांग करते हुए याचिका दाखिल की। कोर्ट ने कहा कि केवल दुर्लभ मामलों में ही जैसे नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने पर काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत को छोड़ा जा स...
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