हमीरपुर, सितम्बर 17 -- हमीरपुर, संवाददाता। 'जेल के अंदर पीसीओ के पास जहां पर अनिल को मारा जा रहा था, मैं वहीं पर खड़ा था। अनिल को वहां रखी टेबल से बांध दिया गया था। डिप्टी जेलर संगेश कुमार टायर की रबड़ से बनाए गए पटे से अनिल की बेरहमी से पिटाई कर रहे थे। मारते-मारते वह थक गए तो उनके आदेश पर लंबरदारों और राइटर विनय ने पीटना शुरू किया। दुबला-पतला अनिल मार बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसकी जेल के अंदर ही मौत हो गई। इसके बाद जेलर केपी चंदीला ने आकर सभी बंदियों को धमकी दी और कहा कि किसी ने मुंह खोला या शिकायत की तो उनका भी अनिल जैसा हाल होगा। जेल में अनिल को मिली इस तालिबानी सजा की आंखों देखी सुनाई एक बंदी ने। हालांकि उसने अपनी पहचान उजागर करने से मना किया है। हमने पिटते देखा, बाद में पता चला अनिल मर गया जेल के बंदियों रोहित यादव, श्रवण तिवारी, दी...