हमीरपुर, सितम्बर 17 -- हमीरपुर, संवाददाता। बंदी की मौत के मामले में जेलर, डिप्टी जेलर और जेल वार्डर सहित सात नामजद लोगों पर गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई। कानून के जानकारों के मुताबिक जो धाराएं इन पर लगी हैं, वो अगर कोर्ट में साबित हो गईं तो जेल चलाने वाले जेल अफसरों को जिंदगी भर जेल की चक्की पीसनी पड़ सकती है। शहर के जाने-माने क्रिमिनल एडवोकेट खलील अजमत ने बताया कि बीएनएस की धारा 103 हत्या की धारा है। इस धारा में दो ही चीजें होती हैं या तो आरोपी सबूतों के अभावों में बरी होता है या उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माने की सजा होती है। दूसरा कोई विकल्प नहीं है। धारा 119 (2) भी कड़ी धारा है। इस धारा में दो तरह से सजा का प्रावधान है। कोर्ट में यदि साबित हो जाए कि मुल्जिम ने पीड़ित को गंभीर चोट पहुंचाई हैं तो ऐसी स्थिति में दोषी को उम्रकैद की सज...