भोपाल, अगस्त 11 -- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से हाल ही में एक टाइपो के चलते बड़ी गलती हो गई। कोर्ट ने गलती से हत्या के आरोपी को जेल की जगह बेल का आदेश सुना दिया। बाद में अदालत को अपनी गलती का अहसास हुआ और जमानत याचिका पर पारित एक आदेश को वापस ले लिया। असल में एमपी हाई कोर्ट को केस की सुनवाई के बाद जमानत याचिका को खारिज करना था पर अदालत ने उसे स्वीकार कर लिया और जिसे स्वीकार करना था,उसे खारिज कर दिया गया। 8 अगस्त को उसी मामले में एक सह-आरोपी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि एक टाइपो ने दो जमानत याचिकाओं के परिणामों को बदल दिया था। एक जिसे खारिज किया जाना चाहिए था उसे स्वीकार कर लिया गया और जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए था उसे खारिज कर दिया गया। उन्होंने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को जमानत मिलनी थी,लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। एक संबंधित ज...