भागलपुर, मार्च 21 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। यदि आप बीमारियों की जांच इलाज कराने के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) आ रहे हैं तो फिर कितनी भी इमरजेंसी क्यों न हो, आप कैलेंडर व घड़ी देखकर ही आएं। वजह, अस्पताल में मरीज की जांच-इलाज मरीज के गंभीर मर्ज के हिसाब से नहीं, बल्कि अपने तय टाइम व दिन के हिसाब से ही होगा। देर शाम के गंभीर मरीजों को तो कई जांच व इलाज के लिए तो अगले दिन की सुबह तक का इंतजार करना पड़ता है। वहीं कुछ बीमारियों का इलाज तो अब दूसरे सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट हो गया है। गौरतलब हो कि इस अस्पताल में पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल के 13 जिलों के मरीज बेहतर जांच व इलाज की आस में मायागंज अस्पताल आते हैं। मायागंज अस्पताल में कहने को तो 943 बेड हैं, लेकिन यहां पर 623 बेड पर ही मरीज को सीधे ऑक्सीजन की व...
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