नई दिल्ली, नवम्बर 6 -- नई दिल्ली।प्रमुख संवाददाता जेएनयू छात्र संघ चुनाव में हार के बाद भी एबीवीपी ने इसे संगठन की वैचारिक और मौलिक जीत बताया है। एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक हर्ष अत्री का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम लोग जेएनयू में सबसे बड़े छात्र संगठन हैं। बिना किसी गठबंधन के हमारे प्रत्याशी सभी चार पदों पर दूसरे स्थान पर हैं। हम कैंपस में आने वाले समय में अपनी गतिविधि बढ़ाएंगे और छात्रों की समस्याओं को मुखरता से उठाएंगे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अपने पक्ष में हुए मतों की ऐतिहासिक बढ़ोतरी को जेएनयू में राष्ट्रवाद के उदय का संकेत मानती है। एबीवीपी ने इस चुनाव में अत्यंत मजबूती के साथ भाग लिया और अंत तक सचिव तथा संयुक्त सचिव के पदों पर उल्लेखनीय बढ़त बनाए रखी। एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्र...