गंगापार, अक्टूबर 9 -- पांती मेजारोड में चल रही राम कथा के पांचवें दिन स्वामी श्रीधराचार्य ने कहा कि क्रियामान्य कर्म वो होते हैं, जो हम सभी वर्तमान में कर रहे हैं। इसमें यदि गलत कार्य कर रहे हैं तो उसका बुरा फल मिलता है, अच्छा कर्म कर प्रभु का निरंतर नाम ले रहे हैं, तो उसका फल सदैव अच्छा मिलता है। प्रारब्ध कर्म वह होता है, जो जन्म के साथ निश्चित हो जाता है। कहा कि जो मानव कार्य अच्छा कर प्रभु पर छोड़ देता है, उसका कार्य अवश्य सफल होता है। इस अवसर पर उपस्थित रहे कार्यक्रम के संयोजक विजयानदं उपाध्याय ने संचालन करते हुए सभी उपस्थित श्रोताओं के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम में इंजिनियर नित्यानंद उपाध्याय, गुलाब शंकर शुक्ल, देवी प्रसाद मिश्र, जटाशंकर शुक्ल, विनीत शुक्ल आदि रहे।
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