सासाराम, जनवरी 31 -- अकोढ़ीगोला, एक संवाददाता। हम जीवों को भवसागर से पार करने के लिए गुरु कृपा जरूरी है। जैसे की भागवत कथा में व्यास जी महाराज लिखते हैं कि परमात्मा की विशेष कृपा होती है। तब मनुष्य का शरीर मिलता है। मनुष्य को भवसागर से पार करने के लिए गुरु नौका के समान होते हैं। बिना गुरु के ज्ञान नहीं हो सकता है। जो भगवान से मिला दे, वहीं गुरु है। शास्त्रों में आचार्य को भगवान के स्वरुप बताया गया है। स्थानीय मां काली मंदिर प्रांगण में चल रहे भागवत कथा में वृंदावन से आई कथावाचिका रूपम राघव ने कही।

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