पाकुड़, सितम्बर 15 -- पाकुड़। जिउतिया पर्व नहाय खाय के साथ शनिवार शुरू हो गया है। घर के बच्चों में भी इस पर्व को लेकर उत्साह रहता है। व्रती महिलाएं गंगा, तालाब या घर पर स्नान कर पितरों का स्मरण करती हैं और सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत प्रारंभ करती हैं। संतान की प्राप्ति व संतान के लिए महिलाओं ने रविवार को निर्जला उपवास रखा। जीवित्पुत्रिका व्रत आस्था, त्याग और संकल्प का संगम है। जिसे संतान की दीर्घायु और मंगलकामना के लिए माताएं करती हैं। यह व्रत मां की ममता का संकल्प है। जिसमें संतान की लंबी आयु की कामना करती है। जिउतिया पर्व में मां का उपवास, पुत्र के जीवन का विश्वास है। निर्जला तपस्या, संतान की सुख-समृद्धि की अभिलाषा है। ममता की माला में पिरोया यह व्रत संतान के मंगल का संदेश देता है। संतानवती महिलाएं निर्जला उपवास रख कर व्रत किया। इस पर्व म...