प्रयागराज, जून 18 -- प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने किसी महिला के निर्णय पर परिवार या समाज का आपत्ति करना घृणित कार्य है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर एवं न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की खंडपीठ ने कहा कि किसी भी वयस्क को अपनी पसंद के जीवनसाथी के चुनाव का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है। इसी के साथ कोर्ट ने शिकायतकर्ता महिला को संरक्षण प्रदान करते हुए उसके विवाह के फैसले में परिवार के हस्तक्षेप की निंदा की। मिर्जापुर के चील्ह थाने में दर्ज एफआईआर में महिला का आरोप है कि उसे अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने पर अपहरण की धमकी दी जा रही है। इसी मामले में आरोपी महिला के पिता अमरनाथ यादव और भाई ने याचिका में बीएनएस की धारा 140(3), 62 ...
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