मुजफ्फर नगर, सितम्बर 19 -- बुढ़ाना। गांव लुहसाना के सीताराम मन्दिर में आयोजित श्रीराम कथा में आचार्य अभिषेक शुक्ल ने कहा कि किसी भी सफलता की सम्प्राप्ति में जीवन में विनय का विशेष महत्त्व है। विनम्रता, अनुशासन, गुरुजनों, स्वजनों तथा परिजनों के प्रति समीचीन सद्व्यवहार से जहां सफलता सुलभ होती हैं। वहीं अविनय, अनुशासनहीनता, उग्रता आदि से प्राप्त सफलता भी असफलता में परिणत हो जाती है। अतः सभी को विनयी होना चाहिए। कृतज्ञता का भाव ही सनातन धर्म है। आप जीवन में बहुज्ञ हों, सर्वज्ञ हो, वेदज्ञ हों, शास्त्रज्ञ हो उसका कोई महत्व नहीं है। यदि आप जीवन में कृतज्ञ नहीं हैं। हमारे यहां शास्त्रों में विविध पापों का प्रायश्चित है। परन्तु कृतघ्नता को कोई प्रायश्चित नहीं है। किसी के द्वारा किए हुए उपकार को न मानना बल्कि उसके विरोधी बन जाना ही कृतघ्नता है l

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