मुजफ्फर नगर, मार्च 19 -- मुजफ्फरनगर। कथा व्यास अरविंद महाराज ने मंगलवार को स्थानीय महाराजा अग्रसेन भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र, अजामिल कथा, प्रहलाद चरित्र का विस्तार से वर्णन किया। कहा कि बालक के जीवन में प्रथम रक्षक माता-पिता होते हैं, माता-पिता को बालक के लिए हास परिहास में भी अशुभ की कल्पना भी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने मंगलवार को हनुमान चालीसा पर बोलते हुए कहा कि भक्ति करनी है तो प्रभु हनुमान जी से सीखो , सर्वगुण संपन्न होने के बाद भी समर्पण भक्ति का मुख्य भाग है, प्रभु राम के प्रति हनुमान की भक्ति सदैव अनुकरणीय है। कथा व्यास ने ध्रुव के चरित्र को बताते हुए कहा कि जीवन में मान अपमान में सम रहना चाहिए, जीवन में यदि ध्रुव की माता सुनीति जैसा मार्गदर्शन मिल जाए तो फिर जीवन सहज हो जाता ह...
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