शामली, नवम्बर 10 -- शहर के जैन धर्मशाला में सोमवार को श्री 108 विमर्ष सागर मुनिराज ने धर्म और जीवन के मूल तत्वों पर प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने जो जीवन मार्ग बताया, वह केवल धार्मिक आचरण तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में लागू होने वाला सार्वभौमिक सिद्धांत है। उन्होने कहा कि संसार के दुखी जीवों को सच्चे सुख का मार्ग दिखाना ही धर्म का सार है। धर्म वही है जिसमें सभी जीवों के प्रति मैत्री और सद्भाव का भाव हो। जब व्यक्ति मित्र या शत्रु, प्रशंसक या निंदक सभी के प्रति समान दृष्टि रखता है, तभी वह सच्चे धर्म के मार्ग पर चलता है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर का संदेश है कि जीवन का उद्देश्य केवल स्वयं को सुखी बनाना नहीं, बल्कि दूसरों को दुख न देना है। मोह से उत्पन्न प्रेम सीमित होता है, जबकि सच्चा प्रेम वह है जो सभी ...