औरंगाबाद, मार्च 6 -- मनुष्य को जीवन में धर्म और संस्कार का हर संभव पालन करना चाहिए। क्योंकि धर्म और संस्कार ही मानव जीवन का मूल आधार होता है। ये बातें संत संकर्षण जी महराज ने बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित दानी बिगह बस स्टैंड के समीप आयोजित श्री रूद्र चंडी महायज्ञ व श्री राम कथा के दौरान कही। प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि क्रोध को कभी भी प्रेम से जीता जा सकता है। क्रोध को जीतने का दूसरा कोई साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में भगवान राम के जीवन चरित्र का अनुसरण करना चाहिए। चरित्र और विचार से ही व्यक्ति जीवन में महान बन सकता है। श्री राम चंद्र हमेशा मर्यादा का पालन करते रहे और अपने अनुज लक्ष्मण को भी मर्यादा में रहने का हर संभव सिख दिया। राम कथा के चौथे दिन उन्होंने श्रीराम-लक्ष्मण के जनकपुर पहुंचने का वर्णन किय...