सिमडेगा, अक्टूबर 9 -- सिमडेगा, प्रतिनिधि। आचार्य पद्मराज ज्योतिष गुरुकुल टुकुपानी सभागार में साप्ताहिक सत्संग सभा का आयोजन किया गया। मौके पर आचार्य डॉ. पद्मराज स्वामी जी महाराज ने कहा कि हमारे जीवन में हमेशा दो मार्ग होते हैं। एक मार्ग प्रेय का है और दूसरा मार्ग श्रेय का। प्रेय का अर्थ है जो आपको अच्छा लगता है और श्रेय का अर्थ है जो सचमुच में आपके लिए अच्छा होता। उन्होंने कहा कि कोई वस्तु बहुत प्रिय हो सकती है किन्तु उसका परिणाम आपके लिए घातक हो सकता है। जैसे कि मधुमेह के मरीज के लिए मिठाई। आचार्य ने कहा कि जीवन में जो श्रेयस्कर है उसे पहचानिए और हर हाल में उस पर कायम रहिए। यही सफलता का यथार्थ मार्ग है। इसका बोध हमें सत्संग से ही प्राप्त होता है। इसलिए जीवन में जब भी सत्संग का अवसर मिले उससे चूकिए मत। सभा में गुरुमा वसुंधरा जी ने प्रेरक भ...