भागलपुर, मई 7 -- भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। यह धरा धाम है, यहां पर हमें अपने पाप-पुण्य को भुगतना पड़ता है। अपने प्रारभ्य के रूप में। श्री राम जैसा आदर्श केवल राम ही हो सकते हैं। श्री राम क्षत्रिय हैं। क्षत्रिय का कार्य सबकी रक्षा करना है। चार तरह के वर्ण होते हैं। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र। हमारा मुख मंडल ब्राह्मण, वक्ष स्थल क्षत्रिय, उदर वैश्य और उसके नीचे का भाग सेवक का होता है। वैश्य का कार्य पालन करना। धन दौलत के द्वारा। श्री राम ने कहा क्षत्रिय का धर्म है, वह ब्राह्मण की रक्षा करे, गौ माता की रक्षा करे, देश की रक्षा करे। यह प्रसंग मंगलवार को प्रयागराज से पधारे हुए मां कामाख्या उपासक नीरज स्वरूप महाराज जी की कृपा पात्र शिष्या एवं कथा वाचिका देवी मीरा किशोरी जी मां कामाख्या उपासक ने कही। देवी मीरा चंपानगर के तुलसी मिश्रा ...