वाराणसी, जून 17 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। जीवन में कुछ बातों में पागलपन जरूरी है। बिना उसके बात नहीं बनती। इससे पहले कि मैं कुछ और कहूं यह बताना भी जरूरी समझता हूं कि पागल का अर्थ क्या होता है। दुनिया पागलों की ही अच्छी होती है। ये बातें कथावाचक मोरारी बापू ने कहीं। वह मानस सिंदूर कथा के तीसरे दिन सोमवार को श्रोताओं से रू-ब-रू थे। मोरारी बापू ने कहा कि पागल का सबसे अच्छा अर्थ गुरुनानक देव ने लगाया है। वह कहते हैं पा गल यानि पा का अर्थ प्राप्त कर लेना और गल का अर्थ पंजाबी में बात होता है। जो कोई बात पा ले, कोई सूत्र पा ले वही पागल है। अपने-अपने जीवन में हम सब को प्रयास करना चाहिए कि हम भी कोई न कोई सूत्र पा ही लें। अपने आराध्य के लिए, अपने नाथ के लिए पागलपन की हद से भी गुजरना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए। किसी ने बहुत अच्छा शेर का है-'इ...
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