सुल्तानपुर, अक्टूबर 8 -- चांदा, संवाददाता। यदि किसी संत, ब्राह्मण या सच्चे भक्त की आंखों से भगवान के चरणों में एक भी आंसू गिर गया, तो वह आंसू अन्यायी और पापी के लिए अंगार बन जाता है। इसलिए जीवन में किसी को कष्ट नहीं देना चाहिए। यह उद्गार श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास पंडित दीपक कृष्ण शास्त्री जी महाराज' ने कस्बा कोइरिपुर के मोहल्ला आर्यनगर में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों की पीड़ा हर लेते हैं। हर मनुष्य को जीवन में करुणा, सेवा और सद्भाव का मार्ग अपनाना चाहिए। कथा के आरम्भ में मुख्य यजमान राम शिरोमणि मौर्य व उनकी धर्मपत्नी गुलाबा द्वारा वैदिक विधि-विधान से पूजन, अर्चन एवं आरती सम्पन्न की गई। इसके पश्चात कथा व्यास ने श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण एवं रुक्मणि विवाह की दिव्य लीला से अवगत कराया।

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