बागपत, जून 4 -- नगर स्थित बाबा लालमन दास दिगंबर जैन अतिथि भवन में आयोजित धर्म सभा में प्रवचन करते हुए आचार्य विमर्श सागर जी महाराज ने कहा है कि जीवन में कभी भी किसी का उपहास न करें और पीड़ा ना पहुंचाएं। यदि आपके रहते किसी की आह निकलती है तो आप सच्चे मानव नहीं है। जैनाचार्य ने आगे कहा कि वही सच्चा इंसान है जो प्राणी मात्र की सहायता करते हुए उनकी पीड़ा समझता है यदि आप किसी को भोजन नहीं दे सकते तो आपको किसी का निवाला छीनने का भी अधिकार नहीं है। जैन धर्म मनुष्य को जहां इंसान बनाता है वहीं भगवान बनने की कला भी सीखता है। धर्म सभा में सुधीर जैन, विनोद जैन, अमित जैन, संदीप जैन, मुकेश जैन सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। मंच संचालन दिनेश जैन ने किया। देर शाम आचार्य श्री ससंघ यहां से बरनावा के लिए पद विहार कर गए।
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