प्रयागराज, जनवरी 30 -- प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गांधी विचार एवं शांति अध्ययन संस्थान की ओर से गांधी के 77वें बलिदान दिवस पर गुरुवार को श्रद्धांजलि सभा हुई। संस्थान के समन्वयक डॉ. अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि 30 जनवरी 1948 को दरअसल गांधी की भौतिक काया की हत्या की हुई थी, क्योंकि एक जीवंत, जागृत और गतिमान जीवन दर्शन के रूप में गांधी आज भी जीवित है और हमेशा रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वयं गांधी ने अपने लिए कहा था, 'मैं मरने वाला नहीं हूं बल्कि मैं अपनी कब्र से भी बोलूंगा। महात्मा गांधी का संपूर्ण जीवन व्यवहार एक समृद्ध और उपयोगी दर्शन है जो आज भी भारत सहित संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। डॉ. अविनाश ने कहा कि बलिदान दिवस पर बापू को हम सब की सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी की हम सब अपने अपने भीतर के गांधी को जगाए...
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