मेरठ, अक्टूबर 10 -- सरधना मोहल्ला छावनी स्थित विश्व भारती पब्लिक स्कूल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक शिवम शास्त्री ने जीवन दर्शन से जुड़ी गूढ़ व्याख्या प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि जब तक हृदय में बैठा अहंकार रूपी कालिया नाग बाहर नहीं निकलता, तब तक मनुष्य स्वार्थ, कपट और अन्य विकारों से विषाक्त बना रहता है, जो दुख का प्रमुख कारण है। गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए शास्त्री जी ने कहा कि जब तक मनुष्य केवल अपने सुख की कामना में प्रकृति का शोषण करता रहेगा, तब तक वास्तविक सुख प्राप्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। जो जीवन और मृत्यु दोनों को तटस्थ बनाकर आत्मिक शांति की ओर ले जाती है। इस मौके पर कमलेश, सावित्री, नेहा, अरुणा, अनिता शर्मा, श्रद्धा, राजबाला, पायल, ज्योति, रिचा...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.