रांची, सितम्बर 13 -- रांची, वरीय संवाददाता। जिला मारवाड़ी महिला सम्मेलन की ओर से महाराजा अग्रसेन भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का समापन शनिवार को हुआ। अंतिम दिवस मां चैतन्य मीरा ने कृष्ण सुदामा की कथा कही। उन्होंने बताया कि मित्र सुदामा जैसा होना चाहिए। जिसके मन में ईर्ष्या या द्वेष की भावना न हो। कहा कि गीता मनुष्य जीवन जीने की कला सिखाती है। सुख-दुख, हानि-लाभ, हार-जीत आदि में संतुलित रहकर कर्म करने का संदेश गीता देती है। कथा में नीरा बथवाल, रूपा अग्रवाल, गीता डालमिया, अनसूया नेवटिया, मधु सर्राफ, उर्मिला पाड़िया, अलका सरावगी, रीना सुरेखा, प्रीती पोद्दार समेत महिलाएं उपस्थित थीं।

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